Shayari Sukun Presents
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हवाएँ लाती हैं अब पैगाम तेरा फ़िज़ाए गुनगुनाती हैं अब नाम तेरा.. ज़माने पर चलती हैं उन की हुकुमत हुआ जो भी प्यार में गुलाम तेरा.. Moeen
सुनी जब कभी आने की खबर तेरी शिद्दत से देखती हैं रस्ता नज़र मेरी.. हमारा प्यार निगाहों में पला हैं मैं शब हुँ, तू हैं सहर मेरी.. शब : रात सहर : सुबह
नए मकाम ज़माने में पा रहा हुँ तेरे प्यार के नगमें सुना रहा हुँ.. तेरी चाहत का ये असर हुआ दिलबर हर महफ़िल में अब छा रहा हुँ.. Moeen
तपती दोपहरी में मिलने चली आती हैं दिन भर के किस्से मुझे सुनाती हैं.. छिड़ा कहीं जो ज़िक्र हमारे प्यार का हया से वो मुँह अपना छुपाती हैं.. Moeen
चुपके चुपके ज़माने के ताने सहती हैं अब वो भीड़ में भी तनहा रहती हैं.. ज़माने ने ढहाए जो सितम प्यार में सारी दास्तान मेरी तसवीर से कहती हैं.. Moeen
सदा तेरे वादों का ऐतबार किया टूट कर तुझे हम ने प्यार किया.. एक तेरी झलक पाने की खातीर ही घंटों राहों में हैं तेरा इंतज़ार किया.. Moeen
तेरा मुस्कुराता चेहरा बड़ा सुहाना लगे तुझे अपना लिखुँ अगर बुरा ना लगे.. तेरी आँखों से छलकता हैं बेपनाह प्यार तू मुँह भी फेरे तो बेवफा ना लगे.. Moeen
करें तेरे आने का और इंतज़ार कितना तुझ बिन हैं मेरा दिल बेकरार कितना.. लैला मजनूँ की दास्ताँ अब पुरानी हुई कैसे बताए तुझे करते हैं प्यार कितना.. Moeen
हम पर हुई खुदा की इनायत हैं हम फकीरों ने पाई तेरी चाहत हैं.. जब वो सँवरती हैं मेरे प्यार में उसे हैरत से तकती सारी कायनात हैं.. Moeen
किसी मंदिर की अछुती मूरत हो तुम कायनात में सब से खूबसूरत हो तुम.. तेरे प्यार से सीखा हैं सजना सँवरना मेरे बेकरार दिल की ज़रूरत हो तुम.. Moeen
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!