Nida Fazli Shayari

तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगे तुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैं देर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगे

होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ है.. हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है..

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Nida Fazli Shayari

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है… खो जाए तो सोना है.. बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है..

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Nida Fazli Shayari

दिन सलीक़े से उगा रात ठिकाने से रही दोस्ती अपनी भी कुछ रोज़ ज़माने से रही.. शहर में सब को कहाँ मिलती है रोने की फ़ुरसत अपनी इज़्ज़त भी यहाँ हँसने-हँसाने से रही..

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Nida Fazli Shayari

देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ हर वक़्त मेरे साथ है उलझा हुआ सा कुछ.. साहिल की गिली रेत पर बच्चों के खेल सा हर लम्हा मुझ में बनता बिखरता हुआ सा कुछ..

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Nida Fazli Shayari

बदला न अपने आप को जो थे वही रहे मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे.. अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी हम जिस के भी क़रीब रहे दूर ही रहे..

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अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं.. पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता है अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं..

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अब खुशी है न कोई ग़म रुलाने वाला हम ने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला.. उस को रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला..

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Nida Fazli Shayari

किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो कोई फिज़ा कोई मंज़र किसी के नाम करो.. हर एक बस्ती बदलती है रंग रूप कई जहाँ भी सुबह गुज़ारो उधर ही शाम करो..

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Nida Fazli Shayari

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीं तो कहीं आसमाँ नहीं मिलता.. तेरे जहान में ऐसा नहीं के प्यार न हो जहाँ उम्मीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता..

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Romantic Poetry in Urdu

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