Shayari Sukun Presents

Muskan Shayari

by shayarisukun.com

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तेरे लबों पर सदा खेलती ये मुसकान रहे मेरी हर दुआ में शामील… तेरा अरमान रहे ख़ुशीयों के साये तले गुज़रे उम्र तुम्हारी जानम ज़िंदगी ये तुम्हारी दिलबर ग़मों से अंजान रहे -Moeen

उनके नाज़ूक लबों पर जब मुसकान मचलने लगे चाँद छुपे बदलीयों में… हवा भी मध्दम चलने लगे   थामा है जब से हाथ तेरा ज़िंदगी के सफर में गम थे जो नसीब में… रुख अब अपना बदलने लगे -Moeen

तेरे होंठों पर थी जो… वो मुसकान अच्छी लगी सारी दुनिया झूठी… बस तेरी चाहत सच्ची लगी ख़्वाबों में तेरी आहट पा कर… अब उठ जाता हुँ जब कभी दिन ढले… नींद हमें कच्ची लगी -Moeen

जब कभी दिलबर के लबो पर मुसकान आ गई चाँद शर्म से छुप गया… काली घटा भी छा गई भटक रही थी ज़िंदगी… लिए सवाल कई राहों में जो तुम मिले तो… ये ज़िंदगी हर जवाब पा गई -Moeen

तू हमेशा मुझे मोहब्बत के साए तले रोज मिलती रहे.. दिलरुबा, तुम्हारे चेहरे की मुस्कान यूंही खिलती रहे.. -Dipti shayarisukun.com

हाथों का कंगना खनका कर तूने मुझे पागल बना दिया.. तूने जो मुस्कुरा दिया जानम मेरा दिल जैसे पिघल गया..! -Dipti

अपनी मोहब्बत का ख्वाब मेरी आंखों में छुप गया है.. हाय ये तेरा मुस्कुराता चेहरा जानू मेरे दिल में बस गया है.. -Santosh

तेरी मोहब्बत ने जानम दिल में जगह बना ली.. मुस्कुराते हुए दिलबरा जब तूने नजरें झुका ली.. -Santosh shayarisukun.com

करता हूं हर वक्त दुआ तेरी आंखें कभी नम ना हो.. खुदा करे तुम्हारे होठों की मुस्कान कभी कम ना हो.. -Santosh

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