1.

फिरते हैं दर बदर अब हम तेरी गली में मलंग की तरह हम अपनी तसवीर से एक दिन उड़ जाएगे किसी रंग की तरह -Moeen

2.

तेरे शहर की गलीयों में हम ठोकरे खाते हैं मलंगों की तरह ऊँचाई पर पहुँचते ही हम लोग काट दिए जाते हैं पतंगों की तरह -Moeen

3.

आवारा फिरता रहा तुझे चाहने वाला तू हाथ थामता तो निखर जाता मलंग सा अब जो खाक उड़ाता हैं तू अपना लेता तो वो सँवर जाता -Moeen

4.

जो तेरी चाह में बिखर गया कभी तेरे खयाल से निखर गया मलंगों सा जो फिरता हैं आवारा तेरी एक आहट पाकर सँवर गया -Moeen

5.

फितरत से मलंग हैं यारों हम रिवाजों की बेड़िया तोडना जानते हैं औकात में बहा करें वरना हम मुखालिफ हवाओं का रुख मोड़ना जानते हैं -Moeen

6.

आपकी चाहत का पश्मीना ओढ़कर मस्त मलंग हो गया था यह दिल.. तोड़ कर इसे बता दिया आपने कि हम नहीं थे आपके काबिल… -Sagar

7.

इस क़दर धोखा खाया है हमने दिल का अब तो खुद को सजा ही देंगे हम.. लेकिन यूं ही मलंग बनते फिरे तो आशिकों को दुआ ही देंगे हम… -Sagar

8.

आपकी रहमत ने यूं हमें धोखा देकर मलंग बना दिया.. जैसे हमारे मन में सजे हुए दरबार को शमशान बना दिया.. -Sagar

9.

फितरत से मलंग हैं यारों हम रिवाजों की बेड़िया तोडना जानते हैं.. औकात में बहा करें वरना हम मुखालिफ हवाओं का रुख मोड़ना जानते हैं.. -Moeen

ऐसेही हाई क्वालिटी शायरी फोटो डाउनलोड करने के लिए शायरी सुकून वेबसाइट को विजिट करिये

तू है साथ, तो तेरे संग हूं मैं.. तेरी गैरमौजूदगी में, मस्त मलंग हूं मैं..

Red Section Separator

और अधिक - शायरियां - शायरियों के फोटोज - शायरी रिकॉर्डिंग्स - शायरी वीडियोस के लिए SHAYARISUKUN.COM वेबसाइट पर आपका हमेशा स्वागत है 🙏

Shayari Sukun