Shayari Sukun Presents
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वो हमेशा बात बनाती क्यों थी मेरी कसम झुठी खाती क्यों थी मजबूरियों का बहाना बना कर मुझ से दामन छुड़ाती क्यों थी Moeen
निगाहें मजबूर हैं हमारी जो अश्कों से भीग नहीं सकती.. मोहब्बत तो बहुत हैं तुझसे मगर ये जता नहीं सकती.. -Vrushali shayarisukun.com
कई लोग बस दिखाते है अमीरी.. समझते नहीं दूसरों की मजबूरी.. -Sapna kai log bas dikhate hain amiri.. samajhte nahin dusron ki majburi..
मजबूरी के हालातों ने तुझे मेरा न होने दिया.. प्यार को मुकम्मल करने हमने क्या क्या नहीं किया.. -Sagar shayarisukun.com
जब देखो तुम, किसी की मजबूरी.. समझ लो, मदद करना है जरूरी.. -Anamika jab dekho tum, kisi ki majboori.. samajh lo, madad karna hai jaruri..
मजबूर इस दिल की धड़कन तुम सुनने की कोशिश तो करों.. जा रहा हूं दूर तुम्हारी जिंदगी से मुझे रोकने का दिखावा तो करों.. -Vrushali
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