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Maa par Shayariya

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मैं हुँ दीप दूसरों की खातीर जलता रहुँगा माँ का हैं यही सबक मैं सदा मचलता रहुँगा.. राह दिखाऊंगा उजालों में कभी चमकूंगा अंधेरों में मुझे पहचानों ना पहचानों मैं चोला बदलता रहुँगा.. -Moeen

माँ के कदम ही जन्नत का पता हैं माँ का वजूद अंधेरों में दीया हैं.. मुसीबतों में जब घिर जाओ तो बताओं उसे उस के पास हर मर्ज़ की दवा हैं.. -Moeen

उसे हमारी खातीर हर आज़माइश में डाला गया उसे रसमों के अजीब साँचों में ढाला गया.. माँ का खून शामील था घर की बुनियादों में हुई तामीर मुकम्मल तो उसी को निकाला गया.. -Moeen

माँ की मुस्कुराहट बुलाती हैं ज़िंदगी की तरफ वो ले जाती हैं अँधियारों से रौशनी की तरफ.. उसे धकेलती हैं औलादें गमों की खाई में वो मासूम उन्हें बुलाती रही ख़ुशी की तरफ.. -Moeen

वो लम्हा मिला था मुझे बड़े नसीब से माँ के चेहरे पर देखी झुर्रीयां करीब से.. जन्नत को रख दिया माँ के कदमों तले खुदा के फैसले होते हैं बड़े अजीब से.. -Moeen

ढूंढो सारी खुदाई और जमाने में मगर नेक इंसान ना मिलेगा कोई.. देख लेना जाकर मंदिर या मस्जिद में मां जैसा भगवान ना मिलेगा कोई.. -Santosh

ना किसी गैर से खुलेगा,  ना ही अपनों से खुलेगा.. जन्नत का दरवाजा  सिर्फ पैरों से मां के खुलेगा..  Maa par likhi Shayari shayarisukun.com

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मां ही होती हर किसी के जन्नत का फूल है बच्चों को प्यार करना ही उसका उसूल है.. नाराज करेगा उसे कोई तो यह उसकी भूल है क्योंकि कदमों तले उसके ही जन्नत की धूल है..  -Maa ke liye Shayari

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