Shayari Sukun Presents
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तेरी चाहत के सागर में सदा मैं डूबा रहूँ शबाना रोज़ बस तेरे खयालों में खोया रहूँ वो मासूम लड़की जान हैं मेरी... उसे कहना बन भी जाऊँ सागर तो तेरी चाहत का प्यासा रहूँ
तुझ तक पहुँचा हूँ किसमत से नज़रें चुरा कर मुझे तुम रखना नैनों में अपना ख्वाब बना कर हम ने पाई हैं जीला जानाँ तेरी चौखट पर लम्हों में सदीयों को जीया तेरी महफील में आ कर
यूँही जारी मुलाकातों का सिलसिला रहने दे मुझे तू अपनी दीद का सदा प्यासा रहने दे तुझे कभी सिर्फ अपना कभी जान लिखता हूँ तुझे मेरा और मुझे तेरा..... लिखा रहने दे
तेरी सादगी भी दीवानों के होश उड़ाती हैं तेरी यादें चाहने वालों की नींदें चुराती हैं लोग कहते हैं मेरे मुँह से फूल झड़ते हैं मेरे लबों पर जानाँ जब तेरी बात आती हैं
तेरा वजूद लगता कभी हकीकत कभी ख्वाब हैं तू सुने आसमान में चमकता मुकम्मल माहताब हैं तुझे खूबसूरत कहना तौहीन हैं तेरे हुस्न की सच तो ये हैं... तू सारी कायनात में लाजवाब हैं
होती हैं सुबह मेरी....... अकसर तेरे पैगाम से तेरी ज़ुल्फों ने चुराई खूबसूरती ढलती शाम से रखा पाक दिल को... निय्यत और निगाह को जब भी देखा तुझे... देखा बड़े अहतराम से
जब हम मिले तो ये आफताब मद्धम हो गुलशन में बहारें... गुलाबों पर शबनम हो मैं तेरी इन झील सी आँखों में खो जाऊं खुदा करे तेरी खूबसूरत आँखें कभी ना नम हो
तेरे हाथों से मिली बूँदें मुझे दरिया लगता हैं ज़माने की चाहतें झूठी बस तू सच्चा लगता हैं तुझ से हैं खूबसूरत रिश्ता मेरा सदीयों पुराना कायनात में एक अपना... तेरा चेहरा लगता हैं
काश कभी हम दोनों एक दूसरे से खफा ना हो लाख तूफान आए ज़िंदगी में मगर हम जुदा ना हो अपनी खूबसूरत आगोश में तुम देना मुझे पनाह दो जिस्म एक जान हो हम.. कोई फासला ना हो
कायनात में सब हसीनों से ज़्यादा खूबसूरत हैं तू दिल के मुक़द्दस मंदिर की सबसे मासूम मूरत हैं तू तुझ बिन सोचता हुँ अपना वजूद तो घबराता हुँ मेरे जीने का सहारा इस ज़िंदगी की ज़रूरत हैं तू
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!