Shayari Sukun Presents
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ठोकरें खा कर सँभलते हैं चलने वाले रंग बदलते हैं अपना अकसर बदलने वाले.. तन्हाई जिन का मुकद्दर हो शामों को सागर उन की आँखों में होते हैं मचलने वाले.. -Moeen
बुझा बुझा सा शाम का मंज़र लगता हैं थका थका सा ज़िंदगी का सफर लगता हैं.. अब अपनी खुशीयों पर मातम मनाता हूँ ये मेरी अधूरी मोहब्बत का असर लगता हैं.. -Moeen
जन्नत में भी मुझे तेरी आरज़ू हो जिधर भी देखू तू मेरे रूबरू हो.. किसी शाम मेरी नब्ज़ थमे इधर खुदा करें मेरे सामने उधर तू हो.. -Moeen
शाम के इस मंज़र में तेरा हसीन चेहरा मैं देखती हूं.. तनहाई में अपनी ज़िंदगी मैं फिर से निहारती हूं.. -Vrushali
जिंदगी में आजकल बस तेरी ही कमी सी है.. आज फिर शाम ढले मेरी आंखों में नमी सी है.. -Krutika Shaam Shayari
छोड़कर मुझे तुम किसी शाम रोए ज़रूर होंगे.. इतनी भी ना थी बुरी मैं जो तुम मुझे भूल गए होंगे..! -Vrushali Good Evening Shayari
बहुत हो चुकी दिल्लगी यारा, अब प्यार का अंजाम कर दे.. जानम, तेरे मोहब्बत की एक हसीन शाम मेरे नाम कर दे.. -Santosh
तेरे इंतज़ार में ये शाम गुजरती नहीं है.. लगता है ज़िंदगी तेरे बिना संवरती नहीं हैं.. -Vrushali shayarisukun.com
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!