1. मरने की बात पे जो रखते थे होठों पे उंगलियां अफसोस वही मेरी जात के कातिल निकले.. Mirza Ghalib Shayari in Hindi shayarisukun.com

2. आता है कौन-कौन तेरे गम को बांटने ग़ालिब तू अपनी मौत की अफवाह उड़ा के देख.. Listen to this Shayari on shayarisukun.com

3. यहां बिकता है सब कुछ जरा रहना संभल के लोग हवा भी बेच देते हैं गुब्बारे में डालके.. True Lines from the great Mirza Ghalib Sahab

4. कितनी अजीब है नेकीयोंकी ज़ुस्तज़ू ग़ालिब नमाज भी जल्दी में पढ़ते हैं  फिर से गुनाह करने के लिए.. SHAYARISUKUN.COM

5. किसी फ़कीर की झोली में कुछ सिक्के डाले तो यह एहसास हुआ महंगाई के इस दौर में दुआएं आज भी सस्ती है.. @shayarisukun

6. गुनाह करके कहां जाओगे ग़ालिब यह जमीन आसमान सब उसी का है..! Shayari Images are available on our shayarisukun.com website

7. ताउम्र बस एक यही सबक याद रखिए इश्क और इबादत में नियत साफ रखिए.. Acchi naseehat dete hai Ghalib Sahan iss Shayari me

8. हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि  हर ख्वाहिश पे दम निकले.. बहुत निकले मेरे अरमान  लेकिन फिर भी कम निकले..

9. ये खामोश मिजाजी तुम्हें जीने नहीं देगी इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो यारो.. More Web Stories Link is available on last slide

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10. तोड़ा कुछ इस अदा से ताल्लुक उसने गालिब के सारी उम्र अपना कसूर ढूंढते रहे..

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Shayari Sukun