Shayari Sukun Presents
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अपनी गलतियों को आसानी से भूल जाते हैं.. गैरों को नसीहत लोग बड़ी अच्छी देते हैं.. -Sagar shayarisukun.com
इंसानियत निभाते रहो नहीं है यहां कोई गैर.. समझो इस बात को कुदरत बरसाए कोई कहर.. -Sagar Gair Shayari in Hindi
कितना भी समझाऊं उसे मानती है वो मुझे गैर.. बात को समझाने अब क्या पड़ूं मैं उसके पैर..? -Sagar Shayari on Gair
गैरों के साथ है उसने अपनी जिंदगी बसाई.. आंखों में मेरी फिर भी उसकी तस्वीर समाई.. -Sagar shayari on Gair
रोता रहता है ये दिल सुबह हो या दोपहर.. कोई नहीं है तेरे सिवा जब तू हो गया है गैर.. -Kriti shayarisukun.com
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