जानता है कि वो न आएँगे फिर भी मसरूफ़-ए-इंतिज़ार है दिल -Faiz Ahmad Faiz
shayarisukun.com
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया तुझ से भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के Faiz Ahmad Faiz
shayarisukun.com
यूँ ही हमेशा खिलाए हैं हमने आग में फूल न उनकी हार नई है, न अपनी जीत नई Faiz Ahmad Faiz
shayarisukun.com
रात यूँ दिल में तिरी खोई हुई याद आई जैसे वीराने में चुपके से बहार आ जाए
shayarisukun.com
'फ़ैज़' थी राह सर-ब-सर मंज़िल हम जहाँ पहुँचे कामयाब आए More Shayari on Website
shayarisukun.com
फिर नज़र में फूल महके दिल में फिर शमाएं जलीं फिर तसव्वुर ने लिया उस बज़्म में जाने का नाम
shayarisukun.com
अब अपना इख़्तियार है चाहे जहाँ चलें रहबर से अपनी राह जुदा कर चुके हैं हम
shayarisukun.com
लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे अब भी दिलकश है तेरा हुस्न मगर क्या कीजे
shayarisukun.com
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
shayarisukun.com
मगर गुज़ारनेवालों के दिन गुज़रते हैं तेरे फ़िराक़ में यूँ सुबह-ओ-शाम करते हैं
shayarisukun.com
Next Web Story
To visit next Web Story, Swipe Up the following button or Click on it 🙏 Thank You!