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Dosti Shayari

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दोस्ती में लुटाई हैं अपनी ज़िंदगानी निसाबो में लिखी जाएगी अपनी कहानी.. उसकी फितरत में हैं डसना मुझे दुश्मन भी चाहिए मगर खानदानी… *निसाब : syllabus

अपनों से तो क्या हम गैरों से भी शिकवा गिला नहीं करते.. कहते हैं कि बचपन जैसे दोस्त बार-बार मिला नहीं करते.. Santosh

ज़िंदगी का ऐतबार तुमसे हैं ज़िंदगी मेरी खुशगवार तुम से हैं.. चेहरे का निखार हैं दोस्तों से गज़लों में बहार तुम से हैं.. Moeen

कहानी हमारी बयां करते चमन में फूल खिलते रहेंगे.. हम दोस्ती के शहर में हमेशा ऐसे ही मिलते रहेंगे.. Vrushali shayarisukun.com

तुझसे मिले बरसों गुज़रे, अब तो गले मिलने आजा.. साथ बिताये बचपन के दोस्ती की यादें, हो गई जो ताज़ा… Santosh shayarisukun.com

दुनिया करे फिजूल की बातें मैं तो भूलू सारा जमाना.. तेरी और मेरी दोस्ती का अमर हो जाए यह दोस्ताना… Vrushali Dosti Shayari

जाने कब से भुलाना चाहा मैंने अपनी दोस्ती को.. मेरे यार गद्दार तू नहीं है भुला दिया मैंने ही किए वादों को.. Vrushali

जाने कब से भुलाना चाहा मैंने अपनी दोस्ती को.. मेरे यार गद्दार तू नहीं है भुला दिया मैंने ही किए वादों को.. Vrushali

कयामत ने आज हमारी दोस्ती का एक नया अफसाना है लिखा.. तेरे जैसा दोस्त मुझे बड़ी मिन्नतों के बाद है मिला.. Sagar #shayarisukun

दोस्ती से हो शुरुआत, तो भी इश्क की कमी नहीं होती.. लेकिन दोस्त अगर सच्चा हो तो, ज़िन्दगी भर आँखों में नमी नहीं होती.. Sneha

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