Shayari Sukun Presents
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दिल में सजाएं थे मैंने सपने कई अब तो वो भी किसी और के हो गए.. इक तुमसे ही थी मोहब्बत बेइंतेहा मगर बेवफ़ा, तुम किसी ग़ैर के हो गए.. -Santosh
या मेरे मौला, ताक़त देना मुझे ताकि उसके बिछड़ने का दर्द मैं सह सकूं.. गर वो ही मेरा नहीं हो सकेगा कभी तो मैं इस बंजर दुनिया में क्यों रुकूं.. -Santosh
दिल में बस तुम ही थे जिसके लिए चला था मैं पूरी दुनिया भूलने.. वो ही छोड़कर जिंदगी का साथ लगा अलग रास्ता चलने.. -Santosh
चाहते थे इतना के कभी भुला नहीं पाए याद करते हुए हमें वो हिचकी लगा गए.. तैरना नहीं आता था फिर भी दरिया ए इश्क में डुबकी लगा गए.. -Santosh
सोचता रहता हूँ अक़्सर तुम्हें ही मैं आख़िर दिल को मेरे क्यों ठुकरा दिया..? झूठे वादों पर तुम्हारे यक़ीन कर, ग़लती की शायद मैंने तुमसे प्यार किया..! -Santosh
तहे दिल से की थी मोहब्बत तुमसे लेकिन तुमने दिल को मेरे ना जाना.. तोड़कर दिल के रिश्तो को दिया गम और आवारगी को मेरी ग़लत पहचाना.. -Santosh
समझ गया हूं अब नसीब के सामने किसी की भी एक नहीं चलती.. भूलकर क़िस्मत का बहाना बिना सोचे प्यार किया, यही हुई गलती.. -Santosh
खुश देखने के लिए तुम्हें खुशियों से ख़ुद की मुंह फेर लेता था.. न जाने तक़दीर ने कैसा खेल खेला दिल को मेरे वो तड़पता छोड़ गया था… -Santosh
चाहे जाओ तुम जहां दुनिया में दिल मेरे जैसा तुम कभी ना पाओगे.. याद रखना इस बात को, रुला कर मुझे तुम भी खुश नहीं रह पाओगे… -Santosh
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!