Shayari Sukun Presents
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आँखों में अश्कों का सागर छुपा रखा था धड़कनों ने हरजाई को खुदा बना रखा था.. तुझ से बिछड़ने से पहले था ये आलम तेरे दीदार का नाम हम ने दवा रखा था.. -Moeen
तेरी जुदाई के घाव हैं गहरे अब के अजनबी लगते हैं अपनों के चेहरे अब के.. तुझ से बिछड़ कर मुस्कुराना भूल गए फिर हँसी पर हैं गमों के पहरे अब के.. -Moeen
खामोश आँखों से बहोत कुछ कहता था वो महफिलों में अकसर चुपचाप सा रहता था वो.. रियासत में दिल की… इश्क की हुकूमत में यादों की चंचल नदी सा बहता था वो.. -Moeen
ज़माना बदलता हैं रंग हर पल क्या क्या आँखों से हुए हैं मंज़र ओझल क्या क्या.. तेरी जुदाई ने बख्शी शोहरतें शायरी को तेरे बाद हुए हैं शेर मुकम्मल क्या क्या.. -Moeen
दिल में दबाए हमेशा एक तलातुम रखा टूटे थे मगर लबों पर सदा तबस्सुम रखा.. तेरी जुदाई ने छीनी हैं मेरी मुस्कुराहटें तेरे बाद महफिलों में खुद को गुमसुम रखा.. -Moeen
ज़माना रूप अपना कई बदलता रहा तेरी तलाश में सदा मैं तनहा चलता रहा.. हँसते हुए वो मिलते रहे गैरों से उधर इधर मैं तन्हाई की आग में जलता रहा.. -Moeen
मौ त का मंज़र दिखाती कभी हवा नहीं देखी खुशीयों पर मातम मनाती फिज़ा नहीं देखी.. पल भर की चाहत उम्र भर तड़पाती रही ज़माने में मोहब्बत से बड़ी सज़ा नहीं देखी.. -Moeen
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