Shayari Sukun Presents
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करार माँगा था दो घड़ी को तरसते रहे तमाम उम्र खुशी को.. तेरे बिछड़ने के बाद ओ बेवफा अनकरीब अलविदा कहे देंगे ज़िंदगी को.. -Moeen
अक्सर तड़प कर बद्दुआ निकलती हैं तू भी तड़पे चाँदनी रातों में.. बेवफा क्या तुझे याद हैं अब भी वो रातों का गुज़रना बातों में.. -Moeen
बेदर्दी से जुल्म और सितम सहते गए.. और आप बड़े आराम से बेवफा बनते गए…! -Sagar -: shayarisukun.com :-
तुझे कभी हम बहोत याद आएगे जब कभी कोई तेरा दिल दुखाएगा.. बेवफा अब कौन तुझे मेरी तरह तेरे रूठ जाने के बाद मनाएगा.. -Moeen
बंजारों की तरह भटकते हैं अब अजनबीयों से पुछते हैं तेरा पता.. नैनों से ढलते अश्क पूछते हैं अक्सर मुझ से तेरी बेवफाई की वजह.. -Moeen
जब से टूटा दिल मेरा बुझ गई मेरी जिंदादिली.. आखिर गुनाह क्या था मेरा बनके वो मुझे बेवफा मिली.. -Santosh
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!