Shayari Sukun Presents
by shayarisukun.com
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बारिश का मौसम अजनबी लगने लगा रात के दामन में सवेरा सजने लगा.. साँस चलती रहे तेरे लौट आने तक मेरी उम्मीद का दीप अब बुझने लगा.. -Moeen
जगाती हैं मुझे अब रात भर तेरी यादें बारिश में फिरती हैं खुले सर तेरी यादें.. महफिलों में खूब हँसता हुँ मैं ज़माने वालों तन्हाई में रुला देती हैं अकसर तेरी यादें.. -Moeen
कहना हैं उसे कुछ, रहती हैं मगर खामोश बारिश का मौसम और ये सफर खामोश.. तेरे आने से जहाँ रौनकें आती थी कभी मुद्दतें हुई रहता हैं अब वो घर खामोश.. -Moeen
तेरी यादों को अपने दिल से भुला दूँगा इस तरह बारिश में आग लगा दूँगा.. तेरे शहर से तोड़ दूँगा हर ताल्लुक मैं एक दिन खुद को इतनी बड़ी सज़ा दूँगा.. -Moeen
अब बारिश के मौसम में क्या रखा हैं यादों के तूफान ने शोर मचा रखा हैं.. इलज़ाम की आँधीयों में भी हम ने तेरी मोहब्बत का दीप जला रखा हैं.. -Moeen
कभी उस से मुलाक़ात की दुआ करते थे बारिशों में उस के साथ भीगा करते थे.. जहाँ आबाद हैं तन्हाइयों के आशियाने आज उस जगह कभी हम रोज़ मिला करते थे.. -Moeen
जब कभी शामें ढलने लगी तेरी यादों की हवा चलने लगी.. अब बारिशें हैं और ये तन्हाई हसरतें दूर खड़ी हाथ मलने लगी.. -Moeen Visit shayarisukun.com
ज़हर मिले या अमृत चुपचाप पी लेते हैं तन्हाई में बैठकर अपने ज़ख्म सी लेते हैं.. बारिश हैं, तेरी यादें हैं मगर तू नहीं ज़िंदगी से कैसा शिकवा, हँसते गाते जी लेते हैं.. -Moeen
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- ; Barish Shayari : -
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शायरियां पढ़ने के लिए शुक्रिया!