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Barish Shayari

by shayarisukun.com

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अहसान उस का मेरी ज़िंदगी पर था कर्ज़ उस का मेरी हर खुशी पर था बारिशों में गम की छोड़ गई तनहा दुःख का साया मेरी हर हँसी पर था -Moeen

ज़िंदगी ने हर डगर का सफर कराया हैं काँटों ने राहत बख्शी गुलों ने तड़पाया हैं कहीं इलज़ाम के तूफान कहीं दुखों की बारिशें बड़ी मुश्किल से किरदार का आईना बचाया हैं -Moeen

शायद अब हम कभी बारिशों में मिले तेरे दिल में प्यार की ज़ंजीर फिर हिले सावन की सुहानी रातों में याद किया तुझे देख मेरी आँखों में कितने हसीन फुल खिले *यहाँ आँखों में फुल खिलने से मुराद अश्क हैं…

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बारीश हो तो कई अरमान मचलते हैं शमा की तरह तेरी यादों में जलते हैं मुद्दतें गुज़री इधर मैं हुँ बेकरार बहोत सुना हैं उधर वो भी करवटें बदलते हैं -Moeen

तुम ने कहा था हम मिलेंगे बारिशों में सोचते रहे रौशनी होगी फिर अंधियारों में कई सावन गुज़ार दिए तेरे इंतज़ार में तुझ बिन दिल तड़पता हैं अब बहारों में -Moeen

तुम किस वफा की बात करते हो जीने की तमन्ना में हर दम मरते हो तुम्हारी आँखों की बारीश कहती हैं दिल की बात कहने से तुम डरते हो -Moeen

काश मैं वक़्त रहते सँवर गया होता तेरी आँखों में काजल सा बिखर गया होता बेवफाई की बारिशों ने मिटाया इश्क़ का निशाँ काश तू भी मेरे दिल से उतर गया होता -Moeen

बहोत तड़पाता हैं मुझ से बिछड़ जाना तेरा याद आता हैं वो बारीश में कपकपाना तेरा बारिशों में मिटटी की खुशबू उसे पसंद थी मैं रो पड़ा जब याद आया मुस्कुराना तेरा -Moeen

बारिश का मौसम भी हम से रूठ गया बहारों में उस का साथ भी छूट गया.. अब क्यों मातम मनाते हो तुम, उसका वादा पानी का बुलबुला था, टुट गया.. -Moeen

साथ तेरा पाकर दिल लगा है ख्वाहिशें आंखों में संजोने.. तुम आ जाना बारिश बन कर मेरी रूह को भिगोने.. Barish Shayari

कानों में झुमका पैरों में पायल खूब सजती है तुझे.. ये बारिश भी बिल्कुल तेरे जैसी ही लगती है मुझे.. Shayari on Barish

भूला नहीं हूं मैं वह कसमें और सारे वादे मुझे याद है.. तेरे साथ भीगी हुई बारिशें मुझे आज भी याद है.. Rain Quotes in Hindi

दरखास्त है फूलों से महबूब की मुझे खुशबू देकर जाए.. गुजारिश है मेरी उस बारिश से यार को मेरे, संग लेकर आए..

न जाने क्यों देखकर तुम्हें आँखे लगती है सपने संजोना.. जरा भी पसंद नहीं है मुझे बारिश का तुम्हें यूं भिगोना..

मेरी खातिर अपनी ख्वाहिशों को मार देती हैं मेरे इंतज़ार में सुहानी शामें गुज़ार देती हैं.. जब वो भीगती हैं बारीश के मौसम में लगता हैं मौसम को हुस्न उधार देती हैं..

हथेली मेरे नाम से सजा ली उस ने बात दिल की आँखों में छुपा ली उस ने.. तूफानी बारिशों में थाम कर हाथ मेरा फिर ऐसे मोहब्बत की राह निकाली उस ने..

तेरी ज़ुल्फों से पाई रौनक घटाओं ने तेरे चेहरे से पाया नूर फिज़ाओं ने.. दुआ माँगी थी मोहब्बत की बारिशें हो तेरे बाद दम तोड़ दिया मेरी दुआओं ने..

देती थी वो दिलासे उम्र भर के मुझे बिछड़ गई वो लड़की उदास कर के मुझे अब बारीश तो आती हैं मगर वो नहीं बहोत तड़पाते हैं ये मरहले* सफर के मुझे *मरहले: पड़ाव, stages

रात दिन नाम तेरा हम लेते रहते हैं हसीन खयालों की भीड़ में खोए रहते हैं आसमान भी रो पड़ा मेरी दास्ताँ सुन कर नादान हैं ज़माने वाले इसे बारीश कहते हैं -Moeen

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