Fiza Shayari -3 : Nature Quotes in Urdu Collection

Fiza Shayari : दोस्तों आज हम लेकर आए हैं आपके लिए Fiza Shayari. जो बेइंतेहा दर्द भरी हैं. लेकिन कहीं ना कहीं आपके दिल के हाल को बयां करने वाली भी है. आप यह शायरियां सुनकर अपने दिलबर को जरूर याद करोगे. उसने दिया हुआ धोखा आपको याद आ जाएगा. हम कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले.

फिर भी अपने प्यार को नहीं भुला पाते. उसकी यादें जिंदगी भर हमें सताती रहती है. दोस्तों हमारी आज की Fiza shayari आपको आपका महबूब याद दिलाएगी. दोस्तों जिंदगी में जरूरी नहीं होता की हम जो चीज चाहे वह हमें मिल जाए. कभी-कभी हमें अपनों के लिए कई कुर्बानियां देनी पड़ती है.

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इन फ़िज़ा शायरिओं को Vanshika Navlani इनकी आवाज़ में सुनकर आपको फ़िज़ा की वादियों में घूमने का मन होगा!

बड़े बड़े घाव हंसते हुए सहने पड़ते हैं. दुखी होकर भी चेहरे पर खुशी दिखानी पड़ती है. जिंदगी किसी के जाने से या आने से नहीं रुकती. समय के साथ वह हमेशा चलती ही रहती है. उसकी फिजा जरूर बदलती है लेकिन गति नहीं.

Fiza Shayari in Hindi

तेरे बाद ये दास्तान रंगीन हो गई
तुझ बिन फिज़ाएं गमगीन हो गई

जब देख लिया तू भी हरजाई हैं
तेरी चौखट से बागी मेरी जबीन हो गई

*जबीन : पेशानी, मस्तक

Moeen

tere baad ye dastan rangin ho gai
tujh bin fijaye gamgin ho gai
jab dekh liya tu bhi harjai hai
teri chaukhat se bagi meri jabin ho gai

बहुत ही दर्द भरी दास्तां बयां कर रही है यह शायरी. Fiza Shayari में यह बताया गया है की, कभी इश्क में हम उस की चौखट पर सजदे करते थे . पेशानी टेकते थे मगर जब पता चला के वो हरजाई हैं, बेवफा हैं तो फिर उस की चौखट पर पेशानी ने झुकने से इनकार कर दिया .

तुझ बिन गुज़रती हैं ये शाम परेशां
तुझ से बिछड़ कर हैं मेरा नाम परेशां

मेरी दास्ताँ सुन कर रोती हैं फिज़ाएं
मेरी हालत देख कर हैं अंजाम परेशां

Moeen

tujh bin gujarti hai ye shaam pareshaa
tujh se bichd kar hai mera naam pareshaan
meri dasta sun kar roti hai fijaaye
meri halat dekh kar hai anjaam pareshaan

Fiza Shayari Urdu की मदत से आप समझोगे की, दोस्तों जब हमारा महबूब हमसे दूर चला जाता है तो आने वाली हर शाम हमें परेशान करती है. रात चाहे कितनी भी सुहानी फिजा क्यों ना लेकर आए लेकिन हमें वह अच्छी नहीं लगती.

Fiza Shayari DP
Fiza Shayari DP

सुबह शाम हमें अपने महबूब की यादें परेशान करती रहती है. फिजा भी हमारी यह हालत देखकर रोने लगती है. उसे भी हम पर तरस आने लगता है.

Fiza Shayari Urdu

कभी होती थी बहोत ये फिज़ाएं खुशगवार
तुझे छू कर इतराती थी ये हवाएँ खुशगवार

तेरे बाद नहीं भाता सावन का सुहाना मौसम
तेरे संग होती थी कितनी ये बहारें खुशगवार

Moeen

kabhi hoti thi bahot ye fijaye khushgawar
tujhe chu kar itrati thi ye hawaye khushgawar
tere baad nahi bhata sawan ka suhana mausam
tere sang hoti thi kitni ye bahare khushgawar

महबूब के साथ बिताया हुआ हर पल खुशनुमा होता है. हम कभी उसे भूलना नहीं चाहते. जिस फिजा में महबूब की मेहक हो वह फिजा हमें रंगीन लगती है. लेकिन महबूब के जाने के बाद सावन भी हमें सुहाना नहीं लगता. खिले हुए फूल भी हमें सुकून नहीं पहुंचाते. हर तरफ हमें गम ही गम नजर आता है. हम खुशी के माहौल में भी खुश नहीं हो पाते.

तुझ से बिछड़ कर खुश हम नहीं
टूट चुके हैं मगर आँख नम नहीं

फिज़ा मातम मनाती हैं तुझ बिन
हम ज़माने को सुनाते अपना गम नहीं

Moeen

tujh se bichd kar khush hum nahi
tut chuke hai magar aankh nam nahi
fija matam manati hai tujh bin
hum jamane ko sunate apna gam nahi

दोस्तों कभी कभी हम इस कदर टूट जाते हैं कि दिल हमारा रोता रहता है. लेकिन आंखों से आंसू नहीं निकलते. हम अंदर से बहुत दर्द महसूस करते हैं लेकिन उसे चेहरे पर नहीं आने देते. हमारी हर बात ऐसी लगती है जैसे हम खुश हो. लेकिन फिजा भी दुखी हो जाती है. जब महबूब हमारे पास नहीं होता. लेकिन यह दर्द हम जमाने को नहीं सुनाते.

Fiza Shayari DP

फिज़ाएं ओढ़े हुए चादर उदासी की हैं
तेरा दर्द मेरी उलफत की निशानी हैं

मेरी आँखों की चमक अब मद्धम हुई
हँसती आँखों में अब सिर्फ पानी हैं

Moeen

fijaye odhe hue chadar udasi ki hai
tera dard meri ulftat ki nishaani hai
meri aankhon ki chamak ab maddham hui
hasti aankhon main ab sirf paani hai

Fiza Shayari DP में कुछ इस प्रकार से बताया गया है की, जब हमारा महबूब हमें छोड़ कर चला जाता है. तो उसका असर हमारे आस पास होने वाले हर बात पर होता है. हम भले ही उसे देख ना पाए लेकिन उदासी हमारी चारों ओर फैल जाती है.

जिसे हम महसूस कर पाते हैं. हमारी आंखें आंसुओं से नम रहती है. हम भले ही अपना दर्द बयान नहीं करते. लेकिन वह दर्द हमारे दिल में हमें महसूस होता रहता है. और यह दर्द अब जिंदगी भर रहेगा.

तुझ संग जो गुज़रा ज़माना कितना सुहाना था
तेरी गलीयों में रोज़ मेरा आना जाना था

खुशनुमा फिज़ाएं लाती थी रोज़ पैगाम तेरा
खत्म हुआ अब जो चाहत का ज़माना था

tujh sang jo gujra jamaana kitna suhana tha
teri galiyon main roj mera ana jana tha
khushnuma fijaye laati thi roj paigam tera
katm hua ab jo chahat ka jamaana tha

Fiza Shayari Image को पढ़कर आपको महसूस होगा की, महबूब के साथ बिताया हुआ वक्त बहुत ही सुहाना होता है. रोज मिलना जुलना अच्छा लगता है. एक दूसरे को मैसेज भेजना, घंटो बातें करते रहना यह तो रोज की बातें हो जाती है.

लेकिन जब आखरी खत मिलता है तो यह सारी बातें बीते कल में तब्दील हो जाती है. उसके बाद हमारे पास सिर्फ यादें रहती है. ना हम उससे बात कर पाते हैं और ना ही उसे देख पाते हैं. हमारे पास सब कुछ हो कर भी कुछ भी नहीं होता.

Fiza Shayari English

मुद्दत हुई गमगीन राहों पर हम चलते रहे
उदास फिज़ा में दर्द के फूल खिलते रहे

पुकारते रहे तुझे रात के सन्नाटों में हम
इश्क की राहों में गिरते रहे… सँभलते रहे

Moeen

muddat hui gumgin rahon par hum chalte rahe
udas fija main dard ke phool khilte rahe
pukarte rahe tujhe raat ke sannaton main hum
ishq ki rahon main girte rahe…sambhlte rahe

जब हम दुखी हो जाते हैं तो चारों ओर दर्द के फूल खिलने लगते हैं. रात भर सन्नाटा छाया हुआ रहता है लेकिन हमारे अंदर कोलाहल मचा रहता है. ऐसा लगता है हम चीख रहे हैं. जिसे कोई भी सुन नहीं पा रहा है. हम अपने महबूब के यादों में तड़प रहे होते है.

जिसे हम पूरे दिल से आवाज लगाते हैं. जिसका चेहरा बार-बार हमारी आंखों के सामने आता है. हम लाख कोशिश करने पर भी उसे भूल नहीं पाते. Fiza Shayari in Hindi यही बात आपको इस शायरी की मदत से समझने में आसानी होगी,

तेरे बाद हँसने की आदत नहीं रही
अब हमें ज़िंदगी की चाहत नहीं रही

तेरी बेवफाई पर फिज़ा खून रोती हैं
जीते हैं मगर जीने की हसरत नहीं रही

Moeen

tere baad hasne ki aadat nahi rahi
ab hume jindagi ki chahat nahi rahi
teri bevfai par fija khun roti hai
jite hai magar jine ki hasrat nahi rahi

हमारा महबूब हमारे हंसने की वजह होता उसकी मुस्कान हमें खुश कर देती है. उसे चाहना हमारी जिंदगी का बेहतरीन पल होता है. हम उम्र भर उसे चाहते रहना चाहते हैं. जब वह हमें छोड़ कर चला जाता है. तो हमारी हंसी खुशी है बिखर जाती है. हम जिंदा होकर भी जिंदा नहीं होते. किसी लाश की तरह हम कहीं पड़े रहते हैं. हमें दुनिया से कोई लेना देना नहीं होता. खुशी से हमारा कोई रिश्ता ही नहीं रहता.

Fiza Shayari Image

तेरी चाहत में ज़हर मिले या अमृत पी लेंगे
ज़िंदगी से कैसा शिकवा हँसते गाते जी लेंगे

फिज़ाओं में रस घोलेंगे अपनी गज़लों से
तन्हाई में बैठ कर अपने ज़ख्म सी लेंगे

Moeen

teri chahat main jahar mile ya amrut pi lenge
jindagi se kaisa shikva haste gate ji lege
fijaon mai ras gholenge apni gajalon se
tanhi main baith kar apne jakhm si lenge

दोस्तों चाहत ऐसी बात है जा हमें खुशी मिले या गम हम सह लेते हैं. बस हमें अपने महबूब के साथ रहना जरूरी होता है. जब महबूब साथ होता है तो हमें जिंदगी से कोई शिकायत नहीं होती. लेकिन जिस दिन वह हमें छोड़ कर चला जाता है उस दिन हमें जिंदगी से शिकायत हो जाती है. हम दुखों से घीर जाते हैं. अपने जख्मों को अकेले में ही सीने लगते हैं.

तेरे बाद ज़माने ने हमें हैं सताया बहोत
जिसे हँसना सिखाया था उसी ने रुलाया बहोत

तेरे बाद ये फिज़ाएं भी खामोश हो गई
आज शाम ढले बीता ज़माना याद आया बहोत

Moeen

tere baad jamane ne hume hai sataya bahot
jise hasna sikhaya tha usi ne rulaya bahot
tere baad ye fijaye bhi khamosh ho gai
aaj sham dhale bita jamana yaad aya bahot

Fiza Shayari in Hindi
Fiza Shayari in Hindi

जो हमें हंसना सिखाता है अक्सर वही हमें रुला कर चला जाता है. हमारी कोई गलती नहीं होती लेकिन फिर भी जमाना हमारा मजाक बना देता है. ऐसा लगता है कि अब जिंदगी में कुछ भी बाकी नहीं है. हमारे जाने के बाद लोग भले ही हमें याद करें, लेकिन हम उन्हें याद नहीं करेंगे. अभी हमें बीता हुआ हर पल याद आ रहा है. बस उसी से छुटकारा पाने के लिए हम सभी से बहुत दूर चले जाएंगे.


Fiza Shayari -2 Best Romantic Love Quotes Hindi for Wife
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6 thoughts on “Fiza Shayari -3 : Nature Quotes in Urdu Collection”

  1. बेहतरीन पेशकश वंशिका जी..
    बहुत खूबसुरती से पेश किया है आप ने इन नयाब शयरीयोंको..
    अनेक शुभकामनाएं!
    – कल्याणी

  2. वाह वंशिका मॅम
    हमेशा की तरह बेहतरीन पेशकश 😊👌👌

  3. व्वाह!!! बढीया पेशकष वंशिकाजी
    👌💐👌💐👌💐🌺🌺🌺
    व्होकल एक्सप्रेशन्स 👌👌👌

  4. Very nice Vanshika ji and you recorded also very beautifully in your sweet voice👌👌👌

    Regards,
    Sameera urf Manpreet

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